नमस्ते दोस्तों आज हम जानेगे mbbs ka full form क्या है ? एमबीबीएस क्या होता है ?
अगर आप भी मेडिकल फिल्ड में अपना करियर बनाना चाहते है तो आप MBBS कर सकते है ।
एमबीबीएस एक प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण डिग्री है, जो व्यक्ति को एक योग्य डॉक्टर बनाकर समाज की सेवा करने का अवसर देती है।
यह कोर्स उन छात्रों के लिए है जिन्हाने 12 th में फिजिक्स केमिस्ट्री बायोलॉजी में पढ़ाई की हो और जो मेकिकल फिल्ड में अपना करियर बनाना चाहते है। आइये जानते है MBBS क्या होता है और इस कोर्स को कैसे कर सकते है पूरी जानकारी के लिए इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े।
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एमबीबीएस क्या होता है ? (MBBS Ka Full Form)
एमबीबीएस (MBBS) ka full form – “बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी” (Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery) होता है। यह चिकित्सा क्षेत्र में स्नातक (अंडरग्रेजुएट) डिग्री कोर्स है।
एमबीबीएस का कोर्स 5 साल का होता है जिसमे 1 साल की इंटर्नशिप अनिवार्य है।
इंटर्नशिप के दौरान छात्रों को अस्पतालों में प्रत्यक्ष अनुभव दिया जाता है, जिससे वे मरीजों के इलाज और सर्जरी की बारीकियां सीखते हैं।
MBBS कोर्स में प्रवेश पाने के लिए छात्रों को फिजिक्स केमिस्ट्री बायोलॉजी सब्जेक्ट चुन कर 12th में 50% से पास होना चाहिए। उसके बाद NEET परीक्षा में शामिल हो कर उसे पास कर के छात्रों को कॉउंसलिंग होती है औरअच्छे कॉलेज में एडमिशन मिल जाता है।
MBBS कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के पास कई करियर ऑप्शन होते है। जिसमे वह प्रायवेट और सरकारी अस्पतालों में काम कर सकते है। या हायर एजुकेशन के लिए MD (Doctor of Medicine) और MS (Master of Surgery) जैसे कोर्स कर सकते है।
एमबीबीएस (MBBS) का फुल फॉर्म (MBBS Ka Full Form)
एमबीबीएस (MBBS) ka full form – “बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी” (Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery) होता है।
यह चिकित्सा क्षेत्र में स्नातक (अंडरग्रेजुएट) डिग्री कोर्स है।
एमबीबीएस (MBBS) कोर्स के लिए योग्यता (MBBS Course Eligibility)
अगर आप एमबीबीएस (MBBS) में एडमिशन लेना चाहते हैं तो आपको 12वीं में PCB (Physics, Chemistry, Biology) या PCM (Physics, Chemistry, Math) स्ट्रीम से पास होना जरूरी।
उसके साथ ही अच्छे कॉलेज में एडमिशन के लिए 50% अंकों के साथ भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry) और जीव विज्ञान (Biology) विषयों के साथ 12वीं पास होना अनिवार्य है।
डॉक्टर बनने के लिए प्रवेश परीक्षा होती है। भारत में एमबीबीएस करने के लिए NEET (National Eligibility cum Entrance Test) परीक्षा पास करनी होती है। यह परीक्षा NTA (National Testing Agency) द्वारा आयोजित की जाती है।
एमबीबीएस (MBBS) कोर्स क्यों करना चाहिए?
एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी) चिकित्सा क्षेत्र में करियर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कोर्स है। इसे करने के कई फायदे हैं। यह एक स्नातक (Undergraduate) डिग्री कोर्स है ।
- एमबीबीएस करने के बाद डॉक्टर बनने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप बीमार लोगों का इलाज करके उनकी मदद कर सकते हैं।
- चिकित्सा क्षेत्र हमेशा मांग में रहता है। डॉक्टरों की आवश्यकता कभी कम नहीं होती, जिससे यह करियर स्थिर और सुरक्षित रहता है।
- एमबीबीएस के बाद डॉक्टरों को अच्छी सैलरी मिलती है, खासकर यदि वे स्पेशलाइज़ेशन या सुपर-स्पेशलाइज़ेशन करते हैं। निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में डॉक्टरों को आकर्षक पैकेज मिलते हैं।
- एमबीबीएस के बाद कई करियर विकल्प होते हैं, जैसे कि:
- स्पेशलिस्ट डॉक्टर (जैसे कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, ऑर्थोपेडिक, आदि)
- सर्जन
- मेडिकल रिसर्चर
- प्रोफेसर और शिक्षक
- हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन
- पब्लिक हेल्थ सेक्टर में योगदान
- एमबीबीएस करने के बाद आप विदेश में भी नौकरी या उच्च शिक्षा के अवसर प्राप्त कर सकते हैं। कई देशों में भारतीय डॉक्टरों की मांग बहुत अधिक होती है।
- अगर आपको नई-नई बीमारियों और उनकी दवाइयों पर रिसर्च करने में रुचि है, तो 7.एमबीबीएस करके आप मेडिकल साइंस में नए इनोवेशन कर सकते हैं।
- डॉक्टर बनना एक जिम्मेदारी भरा पेशा है, लेकिन यह आत्मनिर्भरता और समाज में उच्च सम्मान भी प्रदान करता है। लोग डॉक्टरों को आदर और विश्वास की दृष्टि से देखते हैं।
एमबीबीएस (MBBS) में कितने सब्जेक्ट होते हैं?
एमबीबीएस कोर्स कुल 5.5 साल का होता है, जिसमें 4.5 साल की पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप शामिल होती है। इस दौरान, छात्रों को विभिन्न विषय पढ़ाए जाते हैं, जिन्हें प्रि-क्लिनिकल, पैराक्लिनिकल और क्लिनिकल चरणों में विभाजित किया जाता है।
- प्रि-क्लिनिकल सब्जेक्ट्स (1st वर्ष)
- (शरीर की मूल संरचना और कार्य प्रणाली को समझने वाले विषय)
- एनाटॉमी (Anatomy) – मानव शरीर की संरचना (अंग, हड्डियाँ, मांसपेशियाँ आदि) का अध्ययन।
- फिजियोलॉजी (Physiology) – शरीर के अंगों के कार्य और उनके बीच की क्रियाओं का अध्ययन।
- बायोकेमिस्ट्री (Biochemistry) – शरीर में होने वाली रासायनिक प्रक्रियाएँ और जैव-रासायनिक क्रियाएँ।
- पैराक्लिनिकल सब्जेक्ट्स (2nd वर्ष)
- (रोगों का अध्ययन और निदान से जुड़े विषय)
- पैथोलॉजी (Pathology) – रोगों के कारण, प्रकार और उनके शरीर पर प्रभाव का अध्ययन।
- माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology) – बैक्टीरिया, वायरस, फंगस आदि सूक्ष्म जीवों और उनसे होने वाले रोगों का अध्ययन।
- फार्माकोलॉजी (Pharmacology) – दवाइयों के प्रकार, प्रभाव और उपयोग का अध्ययन।
- फोरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी (FMT) – अपराध विज्ञान, पोस्टमार्टम और विष विज्ञान (जहर के प्रभाव) का अध्ययन।
- क्लिनिकल सब्जेक्ट्स (3rd, 4th और 5th वर्ष)
- रोगों का इलाज और मरीजों की देखभाल से जुड़े विषय)
- कम्युनिटी मेडिसिन (Community Medicine) – सार्वजनिक स्वास्थ्य और रोग निवारण की नीतियाँ।
- ऑटोलेरिंजोलॉजी (ENT – Ear, Nose, Throat) – कान, नाक और गले से संबंधित रोगों का अध्ययन।
- ऑप्थल्मोलॉजी (Ophthalmology) – आँखों से जुड़े रोगों और उनकी सर्जरी का अध्ययन।
- जनरल मेडिसिन (General Medicine) – आंतरिक रोगों (डायबिटीज, हृदय रोग, संक्रमण आदि) का अध्ययन।
- जनरल सर्जरी (General Surgery) – ऑपरेशन से संबंधित अध्ययन (छोटी और बड़ी सर्जरी)।
- ऑर्थोपेडिक्स (Orthopedics) – हड्डियों और जोड़ों से संबंधित रोगों और फ्रैक्चर का अध्ययन।
- पेडियाट्रिक्स (Pediatrics) – नवजात और बच्चों की बीमारियों का अध्ययन।
- डर्मेटोलॉजी (Dermatology) – त्वचा से जुड़ी बीमारियों और उनके इलाज का अध्ययन।
- साइकियाट्री (Psychiatry) – मानसिक स्वास्थ्य, मानसिक विकार और उनके इलाज का अध्ययन।
- ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी (Obstetrics & Gynecology – OBGY) – गर्भावस्था, महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य और प्रसव संबंधी समस्याएँ।
- इंटर्नशिप (1 वर्ष)
एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद, छात्रों को एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप करनी होती है, जिसमें वे अलग-अलग विभागों में मरीजों का इलाज सीखते हैं और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करते हैं।
एमबीबीएस (MBBS) कोर्स की फीस (MBBS Ka Full Form)
एमबीबीएस कोर्स की फीस कॉलेज और देश के अनुसार अलग-अलग होती है। भारत में सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की फीस में बहुत अंतर होता है।
- सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस फीस
- सरकारी कॉलेजों में फीस: ₹10,000 से ₹2,00,000 प्रति वर्ष
- प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस फीस
- निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस: ₹10 लाख से ₹25 लाख प्रति वर्ष
- विदेश में एमबीबीएस फीस
- जो छात्र विदेश में एमबीबीएस करना चाहते हैं, उनके लिए भी फीस देश के अनुसार अलग-अलग होती है।
- रूस, चीन, यूक्रेन, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान: ₹3 लाख से ₹8 लाख प्रति वर्ष
- यूएसए, यूके, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा: ₹25 लाख से ₹1 करोड़ प्रति वर्ष
एमबीबीएस (MBBS) कोर्स के बाद करियर ऑप्शन
एमबीबीएस की डिग्री पूरी करने के बाद करियर के कई शानदार रास्ते खुलते हैं। यह केवल क्लीनिक में बैठने या सरकारी नौकरी तक सीमित नहीं है — आप चाहें तो स्पेशलाइजेशन, रिसर्च, प्रशासन, या यहां तक कि विदेश में करियर भी बना सकते हैं।
- MD (Doctor of Medicine) – मेडिकल स्पेशलिटी जैसे:
- जनरल मेडिसिन
- पेडियाट्रिक्स (बच्चों का इलाज)
- रेडियोलॉजी
- डर्मेटोलॉजी (त्वचा रोग)
- साइकियाट्री
- MS (Master of Surgery) – सर्जिकल स्पेशलाइजेशन जैसे:
- जनरल सर्जरी
- ऑर्थोपेडिक्स
- ENT
- ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी
- सुपर स्पेशलाइजेशन (DM/MCh)
- PG के बाद DM (Doctorate of Medicine) या MCh (Master of Chirurgiae) करके आप सुपर स्पेशलिस्ट बन सकते हैं:
- DM – कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, न्यूरो आदि
- MCh – न्यूरोसर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, यूरोलॉजी आदि
- सरकारी नौकरी (UPSC, State PSC, etc.)
- CMO/Medical Officer
- UPSC CMS (Combined Medical Services) – सेंट्रल हेल्थ सर्विस, रेलवे डॉक्टर आदि
- आर्मी/नेवी में मेडिकल ऑफिसर (AFMC के ज़रिए)
- AIIMS/ESIC/State PSC भर्ती
- प्रैक्टिस/निजी क्लिनिक शुरू करना
- मेडिकल रिसर्च और फेलोशिप
- टीचिंग प्रोफेशन (मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर)
- विदेश में करियर (USMLE, PLAB, AMC आदि)
- हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन / MBA in हैल्थकारे
- मेडिकल राइटिंग / हेल्थकेयर IT / मेडिकल स्टार्टअप्स
एमबीबीएस (MBBS) कोर्स कॉलेज (MBBS College)
- AIIMS Delhi New Delhi
- JIPMER Puducherry
- Maulana Azad Medical College (MAMC) Delhi
- King George’s Medical University (KGMU) Lucknow
- Grant Medical College Mumbai
- Institute of Medical Sciences, BHU Varanasi
- Lady Hardinge Medical College Delhi
- AFMC (Armed Forces Medical College)
एमबीबीएस (MBBS) कोर्स के बाद सैलरी
एमबीबीएस पूरा करने के बाद एक डॉक्टर की सैलरी उसके अनुभव, कार्यस्थल (सरकारी/निजी), स्पेशलाइजेशन और लोकेशन पर निर्भर करती है। शुरुआत में सैलरी सामान्य हो सकती है, लेकिन अनुभव और डिग्री बढ़ने के साथ कमाई भी तेजी से बढ़ती है।
- एमबीबीएस के बाद शुरुआत में सैलरी ₹5–10 लाख प्रति वर्ष होती है।
- PG और सुपर स्पेशलाइजेशन के बाद यह ₹25 लाख या उससे अधिक हो सकती है।
- विदेश में करियर बनाने पर सैलरी कई गुना ज्यादा मिलती है।
- सैलरी पूरी तरह आपके कौशल, अनुभव और क्षेत्र पर निर्भर करती है।
निष्कर्ष (MBBS Ka Full Form)
1.एमबीबीएस (MBBS) कोर्स क्या होता है?
MBBS एक पेशेवर कोर्स है जो आपको मरीजों का इलाज करने और चिकित्सा सेवाएं देने के लिए प्रशिक्षित करता है।
2.एमबीबीएस (MBBS) का फुल फॉर्म क्या है?
एमबीबीएस (MBBS) ka full form – “बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी” (Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery) होता है। यह चिकित्सा क्षेत्र में स्नातक (अंडरग्रेजुएट) डिग्री कोर्स है।
3.एमबीबीएस (MBBS) के बाद उच्च शिक्षा के अवसर क्या है?
MD/MS, सरकारी नौकरी, क्लिनिक खोलना, विदेश में पढ़ाई या नौकरी, हॉस्पिटल मैनेजमेंट आदि।
4.एमबीबीएस (MBBS) करने के लिए NEET-UG परीक्षा पास करना अनिवार्य है?
हाँ एमबीबीएस (MBBS) करने के लिए NEET-UG परीक्षा पास करना अनिवार्य है।
उम्मीद है आप को इस पोस्ट में पूरी जानकारी मिली होगी की MBBS Ka Full Form ,एमबीबीएस क्या होता है?जो अभ्यर्थी डॉक्टर बनना चाहते है उन तक ये पोस्ट पहुंचे इसलिए इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करे | धन्यवाद !